नया मुकाम तलाशो

अगर ज़िन्दगी में सब बुरा हो रहा है और कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा हो।  ऐसा लगे की सभी दरवाजे बंद  हैं तो  भी हिम्मत मत छोड़ों।  अपने सपनों को पाने की कोशिश करिये। इसी सन्दर्भ में मेरी ये कविता है....... नया मुकाम तलाशो। Always be Positive


नया मुकाम तलाशो

फिर अपना नया मुकाम तलाशो
अपनी नयी जमीं और नया आसमां  तलाशो
छोड़कर सब कुछ अब नया बनाने की मुहीम है
भूलकर अपने आप को अब नयी पहचान तलाशो
तूफानी लहरें अगर कश्ती के मन में डर पैदा कर दें तो साहिल से मिलना मुमकिन नहीं
इसलिए लहरों का डर मन से निकाल कर लहरों में से अपनी राहें तलाशो
महज़ मज़िलों की ख्वाहिश और इंतज़ार से  से मकाम नहीं बना करते
अंजाम तो मिल जाएगा बस एक जायज़ आगाज़ तलाशो
हर अरमान, तमन्ना, आरज़ू, ज़ुस्तज़ू, ख्वाहिश पूरी हो जायेंगी
अपनी मज़िल को निगाहों में  रख कर उन तक पहुँचने की राहें तलाशो।

                                                                                                           -  सौरभ सिंह