उम्मीद

उम्मीद 


इस वीराने महल में महफिलें सजने लगी हैं,
इस बंजर जमीन पर कली खिलने लगी है,
जगा है उम्मीद का दिया फिर इन दिलों में,
मुस्कुराहटें लौटी है होठों पर ज़िन्दगी खिलखिलाने लगी है।


 Umeed

Is Veerane  Mahal me mehfilen sajane lagi hain,
is Banjar Jameen  par kali Khilne Lagi hai,
jaga hai umeed ka diya phir in dilon mein,
muskuraahaten lauti hai hothon par Zindagi Khilkhilaane lagi hai.
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तलाश



 

तलाश 


मेरी चाह इस राह ले आई,
मिलेगी ज़िन्दगी यहीं इस फ़िराक ले आई 
गमशुदा है, जारी है तलाश ,
सफलता के हद की खोज इस ओर ले आई 


                                                                 - सौऱभ सिंह "सौरभ "





 

 

 

 

 

 

 

TALAASH

Meri Chaah iss raah le aai,
Milegi Zindagi Yahin iss Firaaq le aai.
gumshuda hai, jaari hai talaash,
saflata ke had ki khoj iss ore le aai.

                                                   - Saurabh Singh "Saurabh"
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कुछ था .... कुछ नहीं

कुछ था .... कुछ नहीं

आँचल में सितारे जडे  बहुत थे, पर ख़्वाहिश कुछ और की थी
कुछ खुशियां थी हमारे पास पर चाहत कुछ और की थी

दामन में हमारे चाँद था , पर ख्वाहिश आफ़ताब की थी
अपना है उसकी ख़ुशी नहीं, उसका ग़म है  जो हमारी नहीं थी

इसी चाहत में कुछ वक़्त गुजरा और फिर कुछ अरसा
जब लगाया हिसाब ज़िन्दगी का फिर भान आया सहसा

इतना समय बस उसे पाने में निकला जो पास नहीं था
संघर्ष में बीतता  समय, और जो पास था उसे भी सीने से न लगा पाया

बितते समय के साथ आँखों की रोशनी कुछ कम हो गयी
अब दामन में अपने चाँद की चमक भी फीकी हो गयी

ज़माने में जिसके पीछे भागे हम वो दूर निकल गए
पास वाले अब नज़र नहीं पड़ते वो भी आँखों से ओझल हो गए
                                                                    - सौरभ  सिंह "सौरभ"
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